खास बातें
अक्षय तृतीया, हिंदू पंचांग का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस साल अक्षय तृतीया 10 मई, शुक्रवार को मनाई जाएगी।इस दिन को अनेक कारणों से शुभ माना जाता है, जैसे-
1. भगवान विष्णु का अवतार:
मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार, परशुराम का जन्म हुआ था।
2. युधिष्ठिर को अक्षय पात्र की प्राप्ति:
इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने युधिष्ठिर को एक अक्षय पात्र प्रदान किया था, जिसमें कभी भी भोजन समाप्त नहीं होता था।
3. वेद व्यास जी का जन्म:
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, इस दिन महर्षि वेद व्यास जी का जन्म हुआ था।
4. शुभ कार्यों का प्रारंभ:
अक्षय तृतीया को शुभ माना जाता है और इस दिन विवाह, गृह प्रवेश, शिक्षा आरंभ, नए व्यवसाय का शुभारंभ जैसे मांगलिक कार्य किए जाते हैं।
5. दान-पुण्य का महत्व:
इस दिन दान-पुण्य करना अत्यंत फलदायी माना जाता है।
अक्षय तृतीया के दिन क्या करें:
- प्रातःकाल सूर्योदय से पहले स्नान कर भगवान विष्णु, लक्ष्मी जी और कुबेर जी की पूजा करें।
- दान-पुण्य करें, गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन वितरित करें।
- ॐ नमो नारायणाय, ॐ क्लीं महालक्ष्म्यै नम:, ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं लक्ष्मीं वासुदेवय नम: जैसे मंत्रों का जप करें।
- सोना, चांदी, तांबे जैसी धातुओं की खरीदारी करना शुभ माना जाता है।
- इस दिन गृह प्रवेश करना भी शुभ होता है।
अक्षय तृतीया के दिन क्या न करें:
मांस-मदिरा का सेवन: इस दिन मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
विवाद: किसी से भी विवाद या झगड़ा नहीं करना चाहिए।
नकारात्मक विचार: नकारात्मक विचारों से दूर रहना चाहिए और सकारात्मक सोच रखनी चाहिए।
झूठ बोलना: झूठ बोलने से बचना चाहिए।
अनुचित कार्य: किसी भी प्रकार के अनुचित कार्य नहीं करने चाहिए।